What is Entertainment(मनोरंजन)?

मनोरंजन हमारी जिंदगी के एक ऐसी चीज़ है जिससे हमें सारी दुनिया का टेंशन से मुक्त दिलाते हैं और इससे हमारे दिल को हल्का भी होता है इसलिए हम लोग किसी भी क्षेत्र क मनोरंजन को हम लोग मस्ती कर सकते हैं

मनोरंजन एक ऐसी हमारी जिंदगी में एक ऐसा टेंशन होता है जो हर टेंशन का निवारण होता है ये एक Meditation कभी रूप होता है जिससे हम लोग सारी परेशानी से दूर होते हैं इसे लेकर कहते हैं मनोरंजन हमारे जिंदगी में बहुत बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है इसलिए जब भी किसी चीज़ से अगर मन भर जाए और लगे मन को अब कुछ नहीं रहा तो बस मनोरंजन सुनें

मनोरंजन का इतिहास (History)

भारतीय सिनेमा का इतिहास: भारतीय सिनेमा का कारवां जो ब्लेक एंड व्हाइट से शुरु हुआ था, आज कामयाबी के साथ 100 साल ज्यादा का समय पूरा कर चुका है। इस सफ़र में कुछ फ़िल्मों ने दिल छू लिया, तो कुछ फ़िल्मों ने जिन्दगी के तनाव से उबरने में मदद की। कुछ फ़िल्में ऐसी भी रहीं, जिन्होंने विदेश में भी धूम मचाई। छोटे से प्रयास से शुरू हुई यह फ़िल्मी दुनिया आज विशाल उद्योग का रुप ले चुकी है। इस फ़िल्मी दुनिया के अब तक कुछ ऐसे माइल स्टोन रहे हैं जिनकी वजह से भारतीय सिनेमा में नए बदलाव आए हैं। हम यहां कुछ खास बातों की चर्चा करेंगे।

पहली फ़िल्म : धुंदीराज गोविंद फाल्के, ‘जिन्हें दादा साहेब फाल्के के नाम से जाना जाता है’, ने “राजा हरिशचंद्र” जो देश की पहली फ़िल्म थी सन 1913 में बनकर तैयार हुई थी और 3 मई 1913 को प्रदर्शित हुई थी। इस फ़िल्म का एक ही प्रिन्ट बना था। लेकिन इस फ़िल्म में शब्द नहीं थे। और इस तरह, इस blank and white फ़िल्म से भारतीय सिनेमा के सफ़र की शुरुआत हुई। लेकिन ये याद रहें कि उस समय फिल्मों में काम करना ठीक नहीं समझा जाता था फिर भी सन 1930 तक करीब 1300 मूक फिल्में बनी थी।

पहली बोलती फ़िल्म: निर्देशक अर्देशिर ईरानी ने 1931में पहली बोलती फ़िल्म ‘आलम आरा’ का निर्माण किया। राजकुमार (प्रिंस) और जिप्सी गर्ल की प्रेम कहानी पर बनी यह फ़िल्म पारसी नाटक पर आधारित थी। यह फ़िल्म और इसका संगीत काफी प्रसिद्ध हुआ था।

अब भारतीय सिनेमा का इतिहास बहुत पुराना हो चुका है पर अब 3D मूवी बी ऐफ़ एक्स का यूज़ होता है और बहुत ही ज्यादा अक्शॅन मूवी बनते हैं जैसे

इस तरह के इतनी अच्छे धुन और मनोरंजन तो हमारे इस बॉलीवुड हिंदी फ़िल्म नहीं मिल सकता है इसलिए बोलते हैं कि अच्छे से अच्छे गाने सुनें अच्छे से फ़िल्म देखें अच्छे से अच्छे सिनेमा भरो जाकर के सिनेमा देखें

इसलिए क्योंकि इससे हमें बेहद बहुत ज्यादा सुकून मिलता है चाहे कोई भी क्षेत्र में हो चाहे आप सबसे उदास हो या फिर ज्यादा से ज्यादा टेंशन में हो या फिर कोई भी तरह से हो बस अपने पसंद का संगीत सुनिए और अपने पसंद का सिनेमा देखिए उसके बाद फिर आप Relax महसूस करेंगे

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